पटना : केंद्रीय विधि मंत्रालय से नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त कर दिए गए हैं। राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में बिहार के 42वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पटना हाईकोर्ट के नवनियुक्त जस्टिस अमरेश्वर प्रताप शाही को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. पटना हाईकोर्ट के नये मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश थे. न्यायमूर्ति शाही 31 दिसंबर, 2020 को सेवानिवृत्त होंगे. मालूम हो कि पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाये जाने से पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त हो गया था.
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति एपी शाही ने 1985 में विधि स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिविल व संवैधानिक मामलों की वकालत शुरू की थी। वह एएआई, डीम्ड यूनिवर्सिटी व एमआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ मैथ सहित कई शैक्षिक संस्थानों के वकील भी रहे। वह 24 सितंबर 2004 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश और 18 अगस्त 2005 को स्थायी जज बने। बूचड़खानों को बंद करने के मामले में उन्होंने अपने फैसले में कहा था कि सरकार बूचड़खाने बंद करके किसी को खाने के मूल अधिकार से वंचित नहीं कर सकती। खाने का अधिकार में अपनी पसंद का खाना शामिल है, जिसमें मांस खाने का भी अधिकार है। इसके अलावा सरकारी वकीलों की नियुक्ति में महाधिवक्ता के अधिकार बताते हुए उन्होंने सरकार को वकीलों की नियुक्ति की समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया था। तमकुही राजपरिवार के सदस्य अमरेश्वर प्रताप शाही का जन्म एक जनवरी 1959 को हुआ था. जज के रूप मे कार्य करते हुए एनएचआरएम और गाजियाबाद जीपीएफ घोटाले जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भी फैसला दिया है.