साउथ चाइना सी के विवादित आइलैंड्स की नई तस्वीरें: चीन कर रहा फाइटर उतारने की तैयारी, US ने कहा- छेड़ सकता है वॉर

रिपोर्ट: ramesh pandey

वॉशिंगटन. चीन हमेशा से साउथ चाइना सी में मिलिटराइजेशन की बात से इनकार करता रहा है। पिछले साल सितंबर में शी जिनपिंग ने बराक ओबामा के साथ मुलाकात में कहा था कि स्प्राटली आईलैंड पर रनवे बनाने का मकसद वहां रिहायशी बस्तियां बनाना है, न कि मिलिट्री भेजना। सैटेलाइट से ली गई ताजा फोटो से खुलासा हुआ है कि विवादित आइलैंड पर चीन फाइटर उतार सकता है। एक अमेरिकी थिंक टैंक का कहना है कि ये एक तरह से वॉर की तैयारी है। इन तीन आइलैंड्स पर बनाया मजबूत रनवे... - चीन ने जिन तीन आइलैंड्स पर रनवे बनाया है, वे फियरी क्रॉस, सुबी और मिसचीफ रीफ्स हैं। - चीन विवादित आइलैंड्स को लेकर जो कहानी बताता रहा है, सैटेलाइट से ली गईं तस्वीरें अलग प्लान बयां करती हैं। - वॉशिंगटन के सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक, \'तीनों आइलैंड्स पर किया गया कंस्ट्रक्शन बताता है कि चीन वहां अपने फाइटर उतार सकता है।\' - थिंकटैंक का कहना है, \'फोटो लेते वक्त वहां कोई मिलिट्री एयरक्राफ्ट मौजूद नहीं था। लेकिन चीन वहां एयरफोर्स के फाइटर जेट उतारने की तैयारी कर रहा है।\' - बता दें कि चीन आइलैंड्स पर सिविलयन या नॉन-मिलिट्री एयरक्राफ्ट उतारने की बात कहता रहा है। ये प्लेन उतार सकता है चीन - थिंकटैंक के एनालिसिस के मुताबिक, \'चीन आइलैंड्स पर H-6 बॉम्बर और H-6U रिफ्यूलिंग टैंकर उतार सकता है।\' - \'इसके अलावा वह Y-8 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, KJ200 और कंट्रोल सिस्टम प्लेन उतारने का प्लान है।\' - \'अगर चीन अपने छोटे प्लेन (60-70 फीट चौड़े) उतारने की बात भी कहता है तो ये फाइटर जेट से कहीं बड़े होंगे।\' - अमेरिकी थिंकटैंक से जुड़े एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनीशिएटिव के डायरेक्टर ग्रेगरी पोलिंग के मुताबिक, \'आइलैंड्स पर जैसा रनवे बनाया गया है, वह सिविलियन यूज के लिहाज से काफी मोटा है। वह वॉर की तैयारी भी कर सकता है।\' - पोलिंग ने ये भी बताया, \'चीन ने आइलैंड्स पर जो कंस्ट्रक्शन किया है, इससे वह बॉम्बर्स और रिफ्यूलर्स के अलावा अपने बड़े प्लेन्स (200 फीट चौड़े) भी उतार सकता है।\' फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन का हो सकता है खतरा - एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर चीन अपने वॉरप्लेन्स आइलैंड्स में उतारता है तो अमेरिका समेत क्षेत्र के कई देशों को साउथ चाइना सी को लेकर फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन का खतरा हो सकता है। - एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि चीन का आइलैंड्स में फाइटर डिप्लॉय करने का मकसद वहां अपनी सत्ता कायम करना है। कॉन्ट्रोवर्शियल आइलैंड पर करवा चुका है मिलिट्री प्लेन की लैंडिंग - चीन ने अप्रैल में पहली बार साउथ चाइना सी के कॉन्ट्रोवर्शियल आइलैंड पर मिलिट्री एयरक्राफ्ट की लैंडिंग कराई। इंटरनेशनल कम्युनिटी को डर है कि चीन इस आइलैंड को फाइटर जेट का बेस बना सकता है। - बता दें कि साउथ चाइना सी में इस आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने का यूएस विरोध करता रहा है। - अमेरिका निगरानी के लिए कई बार अपनी वॉरशिप यहां भेज चुका है। इसके कारण दोनों देश कई बार आमने-सामने हो चुके हैं। क्या है विवाद की असल वजह? - साउथ चाइना सी का लगभग 35 लाख स्क्वायर किलोमीटर का एरिया विवादित है। - इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं। - साउथ चाइना सी में तेल और गैस के बड़े भंडार दबे हुए हैं। - अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है। - वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्योता दे चुका है। - इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस होता है। - चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया। - अमेरिका और चीन एक दूसरे पर इस क्षेत्र को “मिलिटराइजिंग’ (सैन्यीकरण) करने का आरोप लगाते रहे हैं।


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